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मंगलवार, 30 जनवरी 2007
खोने का दर्द
मासूम ने दुनिया देखी.. सब कुछ ख़ुद सा पाया.. कुछ साल बीते.. कुछ बहार देखी.. और फिर ख़ुद को खोता पाया.. आज तक ख़ुद को ढूँढ रही हैं मासूमियत इस दुनिया में.
1 टिप्पणी:
Yeh bhi acha hai. Yeh masoom kaun hai? BR?
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