क़यामत -
शाम-ए-ग़म
जाम-ओ-मीना
दर्द -ए-दिल
इंतिहा उस पर
वस्ल मुश्किल
*~*~*
सादगी अहसास की -
तस्वीर ने उनको देखा
हया से रंग बदल गये
*~*~*
रंगो की दुनिया -
रंग ख़ामोशी के!!
किसी दुल्हन को देखा था..
*~*~*
असर -
सोहबत में हम तो क्या
मौसम बदल जाते हैं
*~*~*
मुट्ठी भर आसमान और चुटकी भर ज़मीन
कुछ हवायें, चंद बूँदे
और ज़रा सी आग..
ये सब है मेरी कमाई
जो मैने इस ज़िंदगी से पाई
*~*~*
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1 टिप्पणी:
Mujhe ek baata batao?
Tum hindi ki kavyitri ho ya urdu ki shayara?
Achanak hindi ke beech urdu mishrit kar diya hai. Achi hai par confusing hai
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